Sunday, January 29, 2012

देसी मामी - Desi Maami Ki Chudai



भाग १
जबसे उसने सुना की महेश आ रहा है, वो बड़ी खुश थी. तरह तरह के पकवान बनाने में सबेरे से जुटी थी. शादी के बाद पति चंदर के साथ शहर आ गयी थी. शहर भी कह नहीं सकते थे उसे. मुंबई के पास एक नवी मुंबई शहर बन रहा था. नए शहर में काफी बिल्डिंगें बन रही थी. चंदर एक कोन्त्रक्टोर के यहाँ सूपरवाइज़र था. तनख्वाह ठीक ठाक थी. बेटी तारा के जन्म के बाद चंदर ने नसबंदी करा ली थी. वो ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था, परन्तु समझदार था. शादी के बाद जब तक की उसकी आमदनी नहीं बढ़ी उसने कोप्पर-टी का प्रयोग करवाया था. तारा शादी के चार साल बाद जन्मी थी.

दोपहर में घर काटने को दौड़ता था. पड़ोस की औरतों से वो घुल मिल नहीं पायी थी. पति और बच्ची ही उसका सारा संसार थे. उनके एक रिश्तेदार थे मुंबई में. लेकिन शहर की भाग-दौड में उनसे भी महीनों में कभी मिल पाते थे. चंदर ने उसे एक मोबाइल फोन दिया हुआ था जिससे की वो गांव में जब रहा नहीं जाता, कॉल कर लेती थी. लेकिन वो भी उसके अकेलेपन को काटने के लिए काफी नहीं था. ऐसे में कल शाम चंदर ने उसे बताया की महेश आ रहा है. उसे काफी खुशी हुई की चलो उसे भी बतियाने के लिए कोई मिल जायेगा, कुछ दिन तो मन लगा रहेगा!

महेश चंदर की सगी दीदी का लड़का यानी की उनका भांजा था. उसे याद था जब उनका विवाह हुआ था

बहुत गोरा, बिखरे बाल और मोती मोती आँखें. बहुत शर्मीला था. मोटा होने के कारण बिलकुल किसी गुड्डे की तरह दीखता था. वो शादी के लिए तैयार हो रही थी तो दीदी के साथ वो भी उसके कमरे में आया था. तब वो शर्माता हुआ दीदी के पीछे छुप रहा था. दीदी झल्लाते हुए बोली,
"अरे महेश क्या कर रहे हो, मामी हैं तुम्हारी. चलो नमस्ते कहो... जल्दी नमस्ते बोलो नहीं तो मामी को बुरा लगेगा."
"नहीं दीदी बुरा क्यों लगेगा. यह गोलू तो अपनी मामी को एक पप्पी देगा. देगा न गोलू?"
फिर उसने महेश के गाल खींच के उसे एक गाल में पप्पी दे दी. वो शर्मा के कमरे से भाग गया था!

उसके बाद भी कई दफा वो उससे मिली थी. हमेश उसे छेडा करती थी और गाल पे पप्पी देने के बाद उसे हलके से काट देती, जिससे वो रोने लगता. फिर उसे चोकलेट और टोफी का लालच दे दे के मनाती.

एक बार उसने बड़े ही भोलेपन से सबके सामने कहा था,
"चंदा मामी कितनी सुन्दर हैं. मैं बड़ा हो जाऊँगा तो सिर्फ चंदा मामी से शादी करूँगा."
हँसते हँसते सब के पेट में बल पड़ गए थे और सब के चेहरे लाल हो गए थे.

वो प्यारा शर्मीला मामी का चहेता गोलू उनके पास कुछ दिनों के लिए आ रहा था, कुछ काम था उसे. चंदर ने बताया तो था, लेकिन उसके आने की खबर की खुशी में उसने ध्यान नहीं दिया था. बस पुछा था कि कितने दिन रहेगा तो पता चला कि करीब पन्द्रह दिन रहेगा उनके पास. लाडले भांजे के स्वागत कि तैयारी में लग गयी.


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